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- अध्यादेश क्या है अध्यादेशों की पुन: घोषणा संविधान की भावना का उल्लंघन करती है?
- लिव इन रिलेशनशिप नैतिक, सामाजिक रूप से अस्वीकार्य हैं: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय
- पश्चिम बंगाल सरकार विधान परिषद की करेगी स्थापना - विधान परिषद के फायदे और नुकसान
Indian Society
Governance & Social Justice
- COVID 19 महामारी के बीच छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन का मूल्यांकन, यूपीएससी जीएस पेपर- 2 शिक्षा
- 2025 तक चीन से भी आगे निकलकर भारत बन जाएगा सबसे बड़ी आबादी वाला देश- चीन की आबादी में गिरावट
- कोविड 19 के कारण हुए अनाथ बच्चों की सुरक्षा पर स्मृति ईरानी
- अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के जीवन और आजीविका पर लॉकडाउन का प्रभाव
- डूम्सडे स्क्रॉलिंग या सर्फिंग क्या है? मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण पर डूम्सडे सर्फिंग का प्रभाव?
International Relations
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- भारत पाकिस्तान बैकचैनल डिप्लोमेसी
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- BIMSTEC के लिए पुनर्विचार की आवश्यकता क्यों है? भारत और पड़ोसी देश
- यूके ने भारत को G7 समिट 2021 में आमंत्रित किया - G7 के लिए भारत क्यों महत्वपूर्ण है?
- भारत की विदेश नीति पर कोविड 19 का प्रभाव
- केपी शर्मा ओली फिर बने नेपाल के प्रधान मंत्री - बहुमत हासिल करने में विफल रहे विपक्षी दल
- राजनयिक उन्मुक्ति (Diplomatic Immunity) क्या है? दक्षिण कोरिया में बेल्जियम के राजदूत की पत्नी ने दुकानदार को मारा थप्पड़
- स्थाई मध्यस्थता न्यायालय- संरचना, कार्य और सदस्य - पीसीए, आईसीजे और आईसीसी में अंतर
Economy
- एलन मस्क की टेस्ला नहीं करेगी क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार- बिटकॉइन में 17 फीसदी गिरावट
- रिकॉर्ड 1.41 लाख करोड़ रुपये से अधिक GST संग्रह
- कोविड 19 वैक्सीन पेटेंट छूट - क्या यह वैश्विक वैक्सीन की कमी की समस्या को हल कर सकता है?
- ममता बनर्जी बनाम CBI- क्या है नरादा रिश्वत मामला?
- आरबीआई ने केंद्र को अधिशेष के रूप में 99,122 करोड़ रुपये के हस्तांतरण को दी मंजूरी
- इंडियन स्टील इंडस्ट्री पर COVID-19 का प्रभाव
Defence & Security
- आईएसआईएस बम ब्लास्ट में मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद घायल
- साइबर युद्ध और जैव युद्ध की व्याख्या - आधुनिक युद्ध और पारंपरिक युद्ध में अंतर
- जम्मू और कश्मीर पुलिस ने मुठभेड़ों की LIVE कवरेज पर प्रतिबंध लगाया - प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रभाव?
- क्या है हवाना सिंड्रोम जिससे 130 अमेरिकी अधिकारियों में नई रहस्यमयी मानसिक बीमारी देखने को मिल रही है?
- गैर-राज्य अभिकर्ता (Non State Actors) क्या हैं? अंतरराष्ट्रीय संबंधों में गैर-राज्य अभिकर्ताओं की भूमिका और प्रभाव
- भारत में पुलिस मुठभेड़- कानून के नियम बनाम पुलिस प्रभाव
Disaster Management
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- इजराइल के धार्मिक त्योहार की भगदड़ में 44 ने गंवाई जान और 100 से अधिक घायल
- कोविड 19 के कारण हुए अनाथ बच्चों की सुरक्षा पर स्मृति ईरानी
- असम में बिजली गिरने से 18 हाथियों की मौत - क्या यह वैज्ञानिक रूप से संभव है?
- चक्रवात तौकते अलग क्यों है? क्या जलवायु परिवर्तन अरब सागर में ज्यादा खतरनाक चक्रवात बना रहा है?
Science & Technology
Environment
- वन संरक्षण अधिनियम और MoEF&CC द्वारा प्रस्तावित संशोधन
- वित्तीय फर्मों के लिए न्यूजीलैंड का जलवायु परिवर्तन कानून
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Prelims Capsule

प्रासंगिकता
- जीएस 3 || सुरक्षा || सुरक्षा खतरों से निपटना || परमाणु हथियार
हवाना सिंड्रोम
- पिछले पांच वर्षों में अमेरिकी राजनयिकों, सैनिकों और खुफिया अधिकारियों में हवाना सिंड्रोम नामक एक रहस्यमय बीमारी अचानक खतरनाक स्तर पर फैल गई है।
- इन सब के बीच सबसे ज्यादा हैरान करने वाली रिपोर्ट यह है कि सीआईए (अमेरिका की खुफिया एजेंसी) और पेंटागन यह मानने से इनकार किया है कि यह एक स्वाभाविक रूप से होने वाली बीमारी है, उनके अनुसार, यह ‘जानबूझकर किया गया एक आक्रमक कार्य’ है।
रिपोर्ट का विवरण
- नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (एनएएस) द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, निर्देशित माइक्रोवेव विकिरण हवाना सिंड्रोम का एक संभावित कारण है।
- एनएएस ने लक्षणों का वर्णन करने के लिए चार अलग-अलग सिद्धांतों का अध्ययन किया, जिनमें संक्रमण, रसायन, मनोवैज्ञानिक कारक और रेडियो फ्रिक्वेंसी एनर्जी शामिल हैं।
- वैज्ञानिकों ने अंतरराष्ट्रीय मिशनों के दर्दनाक माहौल या विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा पिछले प्रयासों में बीमार पड़ने वाले राजनयिकों में मस्तिष्क विकारों के कारण मनोवैज्ञानिक बीमारी के बारे में बात की है।
माइक्रोवेव हथियार
- माइक्रोवेव हथियारों को एक प्रकार से ‘डायरेक्ट एनर्जी वेपन’ कहा जाता है, जो टारगेट को फायर करने के लिए अकुस्टिक, लेजर या माइक्रोवेव का इस्तेमाल किया जाता है।
- इस दौरान टारगेट पर अकुस्टिक, लेजर या माइक्रोवेव का अधिक एनर्जी का इस्तेमाल किया जाता है।
शीत युद्ध के दौर में अमेरिका द्वारा विकसित
- वे निर्देशित-ऊर्जा हथियारों (Directed-energy weapon- DEW) के रूप में जाने वाले हथियारों के एक समूह का हिस्सा हैं, जिन्हें पहले शीत युद्ध के दौरान अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ द्वारा विकसित किया गया था।
इन हथियारों के फायदे
- ऐसे हथियारों का उपयोग अदृश्य रूप से किया जा सकता है और यदि सही तरीके से उपयोग किया जाए तो तुलनात्मक रूप से यह टारगेट के अलावा अन्य क्षति से बचा जा सकता है।
- इससे अधिक गोला-बारूद प्राप्त करने की साजो-सामान संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
- परिचालन कारकों के आधार पर देखे तो यह पारंपरिक तोपों की तुलना में यह कम खर्चीला।
- वर्तमान में (या शायद) उपयोग में आने वाले कुछ DEW इस प्रकार हैं
- ADS- एक्टिव डिनायल सिस्टम (Active Denial System- ADS), यह एक गैर-घातक निर्देशित-ऊर्जा हथियार है, जिसे अमेरिकी सेना द्वारा विकसित किया गया है। इसका किसी को अपनी सीमा में घुसने से रोकने के लिए और भीड़ नियंत्रण के लिए किया जाता है।
- ALKA- यह संभवतः तुर्की सशस्त्र बलों द्वारा युद्ध में इस्तेमाल किया जाने वाला पहला निर्देशित-ऊर्जा हथियार है।
- MEDUSA यह एक गैर-घातक माइक्रोवेव-आधारित हथियार।
- व्यावहारिक रूप से लागू करना एक बड़ा सवाल है
- DEW में अनुसंधान एक आर्थिक रूप काफी महंगा है।
- कुछ DEW के व्यावहारिक अनुप्रयोग संदिग्ध हैं।
- ऐसे हथियारों का मुकाबला करना मुश्किल नहीं है। उदाहरण के लिए, लेजर बीम जल वाष्प और धूल से कमजोर हो सकते हैं।
कितने खतरनाक हैं ये हथियार?
- यह उन लोगों के लिए खतरनाक स्थिति पैदा कर सकता है, जिनकों तेज ध्वनि से परेशानी होती है।
- इस प्रकार के वेपन से अटैक होने पर मतली, गंभीर सिरदर्द, थकान, चक्कर आना, नींद की समस्या और बहरापन की समस्या पैदा हो सकती है।
- इसके अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों परिणाम हैं और यह शारीरिक नुकसान पहुंचाए बिना ही टारगेट को खत्म करने में सक्षम है।
दुनिया भर में माइक्रोवेव हथियार
- माना जाता है कि इन हथियारों को कई देशों ने इंसानों और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम दोनों पर हमला करने के लिए विकसित किया है।
- चीन ने पहली बार 2014 में एक एयर शो में अपनी “माइक्रोवेव आर्म,” पॉली डब्ल्यूबी -1 को उतारा था।
- एक ब्रिटिश दैनिक “द टाइम्स” ने बताया कि एक चीनी प्रोफेसर ने दावा किया था कि चीन ने सीमा पर दो प्रमुख पहाड़ियों पर “माइक्रोवेव हथियारों” का इस्तेमाल किया, जिससे भारतीय सैनिकों को पीछे हटना पड़ा था।
- हालांकि, भारत ने चीनी बलों द्वारा माइक्रोवेव हथियारों के इस्तेमाल की खबरों का खंडन किया है।
अमेरिका – “एक्टिव डिनायल सिस्टम”
- अमेरिका ने इस तरह के एक हथियार को अफगानिस्तान में तैनात किया लेकिन मानव लक्ष्यों के खिलाफ इसका इस्तेमाल किए बिना इसे वापस ले लिया।
- जब 2003 का इराक युद्ध छिड़ा, तो उच्च शक्ति वाले माइक्रोवेव सहित विद्युत चुम्बकीय हथियारों का उपयोग अमेरिकी सेना द्वारा इराकी इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों को बाधित और नष्ट करने के लिए किया गया था। इसके अलावा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया गया था।
- 2017 के मध्य में ऐसी कई रिपोर्ट्स सामने आईं, जिसमें कहा गया कि क्यूबा की राजधानी हवाना में हो सकता है कि अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों के खिलाफ पिछले वर्ष एक गुप्त ध्वनि हथियार का इस्तेमाल किया जा गया हो।
- क्यूबा ने बीमारियों के बारे में किसी भी जानकारी से इनकार किया था, भले ही अमेरिका ने उस पर “सोनिक अटैक” करने का आरोप लगाया था, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था।
- इसके बाद, 2018 में चीन के ग्वांगझू में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों ने 2017 में इसी तरह के संभावित हमले की शिकायत की।
भारत
- DRDO ने सितंबर 2020 में घोषणा की थी कि संगठन निर्देशित ऊर्जा हथियारों की व्यवहार्यता में अपना शोध करेगा।
बढ़ती चिंताएं
- हालांकि, इस तरह के हथियारों के व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर दशकों के शोध किए गए हैं, फिर भी उन्हें प्रायोगिक चरण में माना जाता है, हालांकि कुछ देशों द्वारा कुछ प्रोटोटाइप के संचालन के लिए दावा किया गया है।
- इस बात पर चिंता व्यक्त की गई है कि क्या इससे आंखों को नुकसान पहुंचा सकते है या लंबी अवधि में कैंसर जैसी स्थिति पैदा कर सकता है।
- यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि ये मानव लक्ष्यों को मार सकते हैं या स्थायी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
प्रश्न
- हिंसा और भीड़ नियंत्रण के लिए गैर-घातक हथियारों का इस्तेमाल एक विवादित मुद्दा है। क्या आप वाटर कैनन और आंसू गैस के उपयोग के अलावा इसके कुछ विकल्प के बारे में चर्चा कर सकते हैं?
लिक्स